Toll Tax New Policy – अगर आप भी रोजाना हाइवे पर गाड़ी लेकर सफर करते हैं तो टोल प्लाजा पर रुकना, लंबी लाइन में लगना और हर बार पैसे कटवाना आपके लिए सिरदर्द बना होगा। कभी FASTag में बैलेंस नहीं होता, तो कभी सिस्टम डाउन रहता है। लेकिन अब इन सब झंझटों से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि केंद्र सरकार टोल टैक्स को लेकर एक नई और दमदार नीति लाने जा रही है।
नई पॉलिसी से सफर होगा आसान और सस्ता
सरकार की तरफ से टोल टैक्स सिस्टम को पूरी तरह से बदलने की तैयारी हो चुकी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है जिससे बार-बार टोल भरने की झंझट खत्म हो जाएगी। खबर है कि जल्द ही ऐसी पॉलिसी लागू की जा सकती है जिसके तहत वाहन मालिक को साल में सिर्फ एक बार 3000 रुपये का रिचार्ज कराना होगा और फिर पूरे साल देशभर में कहीं भी टोल नहीं देना पड़ेगा।
क्या है इस नई पॉलिसी में खास
इस स्कीम के लागू होते ही FASTag में बार-बार रिचार्ज कराने की जरूरत नहीं होगी। न ही न्यूनतम बैलेंस की चिंता सताएगी और न ही सफर के दौरान रुकावट आएगी। डिजिटल रिकॉर्डिंग की वजह से पूरी व्यवस्था पारदर्शी होगी और सफर पहले से कहीं ज्यादा स्मूद बनेगा।
यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए जबरदस्त फायदेमंद साबित होगी जो हर रोज या हर हफ्ते एक शहर से दूसरे शहर सफर करते हैं। जैसे लॉजिस्टिक कंपनियां, कैब ड्राइवर्स या फिर बिजनेस ट्रैवल करने वाले लोग।
लाइफटाइम टोल फ्री की योजना पर फिलहाल ब्रेक
सरकार ने एक और आइडिया पर विचार किया था जिसमें नई गाड़ी खरीदते वक्त अगर कोई 30 हजार रुपये अतिरिक्त देता है, तो उसे 15 साल तक टोल फ्री सुविधा मिलती। लेकिन इस पर टोल ऑपरेटर और गाड़ी कंपनियों के बीच राजस्व के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया, इसलिए फिलहाल इस प्रस्ताव को रोक दिया गया है।
ठेकेदारों को नुकसान नहीं होगा, सरकार ने तैयारी कर ली है
अब बात आती है कि अगर लोग टोल टैक्स नहीं देंगे, तो टोल प्लाजा चलाने वालों का क्या होगा। इसका भी हल निकाला गया है। सरकार ने एक डिजिटल फॉर्मूला तैयार किया है जिसमें हर वाहन का टोल प्लाजा से गुजरने का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इसी के आधार पर अनुमान लगाया जाएगा कि कितना रेवेन्यू आता और फिर सरकार ठेकेदार को उसका हिस्सा दे देगी।
हर साल 3000 रुपये देकर पूरे साल टोल फ्री सफर
अब सोचिए, अगर साल भर में सिर्फ 3000 रुपये देकर आप देश के किसी भी कोने में बिना टोल टैक्स दिए घूम सकते हैं, तो ये कितनी राहत की बात है। न नेटवर्क फेल होने की चिंता, न बैलेंस खत्म होने की दिक्कत और न ही लंबी लाइन में लगने की परेशानी। ये स्कीम उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं जो रोजाना हाइवे पर ट्रैवल करते हैं।
नई व्यवस्था के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं
हालांकि ये पॉलिसी सुनने में जितनी अच्छी लग रही है, उतनी ही चुनौतियां भी इसमें हैं। जैसे पूरे देश में एक साथ ये सिस्टम कैसे लागू होगा, टोल स्टाफ और ऑपरेटर को इसकी ट्रेनिंग देना, सिस्टम का गलत इस्तेमाल कैसे रोका जाएगा, भारी वाहनों के लिए अलग रेट तय करना और सभी टोल ऑपरेटर्स के बीच राजस्व को ठीक से बांटना – इन सब पर काम चल रहा है।
सरकार ने एक विशेष समिति बनाई है जो इन सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही है ताकि जब ये स्कीम लागू हो तो किसी को परेशानी न हो।
कुल मिलाकर देखा जाए तो यह नई टोल टैक्स पॉलिसी आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है। खासकर उन यात्रियों के लिए जो रोजाना या नियमित रूप से सफर करते हैं। अब न टोल की लाइन, न FASTag की झंझट, बस एक बार रिचार्ज और साल भर फ्री में घूमो। सरकार की इस कोशिश से डिजिटल इंडिया को भी बढ़ावा मिलेगा और सड़क यात्रा का अनुभव भी पहले से कहीं बेहतर होगा।