Railway Senior Citizen Discount – अगर आपके घर में दादी-नानी या दादा-नाना हैं, तो ये खबर उनके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। भारतीय रेलवे ने 2025 में एक बार फिर सीनियर सिटीजन के लिए किराये में छूट देने की घोषणा कर दी है। कोविड के समय इस सुविधा को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है। ये फैसला देशभर के बुजुर्गों के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर सामने आया है।
बुजुर्गों के लिए क्यों ज़रूरी है ये छूट
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आमदनी कम हो जाती है, लेकिन ज़रूरतें कम नहीं होतीं। चाहे बच्चों से मिलने जाना हो, किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करनी हो या फिर मेडिकल चेकअप के लिए शहर बदलना हो – बुजुर्गों की यात्राएं जरूरी होती हैं। ऐसे में रेल किराये में मिलने वाली ये छूट एक आर्थिक सहारा बन जाती है।
अब सोचिए, एक 65 साल के बुजुर्ग हर महीने उज्जैन महाकाल के दर्शन करने जाते हैं। पहले उनका कुल किराया लगभग 1000 रुपये होता था, अब ये छूट के बाद सिर्फ 600 रुपये में पूरा हो जाएगा। यही नहीं, कई बुजुर्ग जिनकी आमदनी सीमित है, अब साल में एक-दो बार नहीं, बल्कि तीन-चार बार सफर कर सकते हैं।
2025 की नई छूट नीति – क्या है खास
रेल मंत्रालय ने जो नई नीति लागू की है, उसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग उम्र और छूट प्रतिशत तय किए गए हैं।
यह छूट Sleeper, 3AC और 2S श्रेणियों पर लागू की गई है। Tatkal और Premium Tatkal बुकिंग में यह छूट नहीं मिलेगी।
- पुरुष सीनियर सिटीजन (60 वर्ष या उससे अधिक) को 40 प्रतिशत किराया छूट मिलेगी
- महिला सीनियर सिटीजन (58 वर्ष या उससे अधिक) को 50 प्रतिशत किराया छूट दी जाएगी
कैसे मिलेगा टिकट पर डिस्काउंट
अगर बुजुर्ग ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं तो IRCTC वेबसाइट पर ‘Senior Citizen’ का विकल्प चुनना होगा। साथ में आधार कार्ड से उम्र का प्रमाण देना होगा।
वहीं, अगर टिकट रेलवे स्टेशन से लिया जा रहा है तो पहचान पत्र दिखाकर वरिष्ठ नागरिक छूट का ऑप्शन चुन सकते हैं।
बस ध्यान रहे कि उम्र सही-सही दर्ज हो और टिकट में कोई गड़बड़ी न हो, वरना जुर्माना लग सकता है या टिकट कैंसिल भी हो सकता है।
छूट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
- ये सुविधा सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए है
- छूट सिर्फ Sleeper, 3AC और 2S श्रेणी में मिलेगी
- Tatkal टिकट पर छूट नहीं दी जाएगी
- गलत जानकारी देने पर टिकट रद्द हो सकता है
सरकार का मकसद सिर्फ राहत नहीं, सम्मान भी
सरकार का कहना है कि यह सिर्फ एक छूट नहीं है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान देने का तरीका भी है। यह पहल न सिर्फ आर्थिक रूप से मदद करती है, बल्कि बुजुर्गों को आत्मनिर्भर भी बनाती है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और सामाजिक भागीदारी भी मजबूत होती है।
भारतीय रेलवे की ये नई छूट नीति लाखों बुजुर्गों के लिए एक तोहफा है। इससे न सिर्फ सफर आसान होगा बल्कि उनके जीवन में फिर से गति आएगी। अगर आपके घर में भी कोई सीनियर सिटीजन हैं तो उन्हें ये जानकारी जरूर दें ताकि वो भी इसका लाभ उठा सकें और अपनी यात्राएं बिना किसी टेंशन के कर सकें।