Banking New Rule – अगर आप ATM से पैसे निकालते हैं, सेविंग अकाउंट में पैसे रखते हैं, या UPI से लेन-देन करते हैं – तो ये जानकारी आपके लिए बहुत ज़रूरी है। 1 जून 2025 से भारत में बैंकिंग से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम आदमी की जेब और बैंकिंग आदतों पर पड़ेगा। आइए एक-एक करके जान लेते हैं ये नए नियम और उनका हल।
1. ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा
अब आप हर महीने सिर्फ तय संख्या में ही फ्री ट्रांजैक्शन कर पाएंगे। इसके बाद आपको हर बार पैसे निकालने पर चार्ज देना होगा। जैसे SBI में सिर्फ 5 फ्री ट्रांजैक्शन मिलेंगे – इसके बाद हर निकासी पर ₹21 कटेगा। ICICI और HDFC जैसे प्राइवेट बैंकों में ये सीमा 3 ट्रांजैक्शन तक सीमित हो सकती है। अगर आप महीने में बार-बार ATM का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको हर निकासी पर एक्स्ट्रा चार्ज झेलना पड़ेगा।
सुझाव: महीने की शुरुआत में एक बार ज्यादा पैसे निकाल लें, ताकि बार-बार ATM न जाना पड़े।
2. न्यूनतम बैलेंस में सख्ती
मेट्रो शहरों में बैंक अकाउंट में अब ₹10,000 तक का मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ये सीमा ₹2,000 से ₹5,000 के बीच हो सकती है। अगर बैलेंस इससे कम हुआ, तो ₹250 से ₹600 तक की पेनल्टी लगेगी।
उदाहरण: अगर रीना का अकाउंट ₹3,000 से नीचे चला गया और उसकी मिनिमम लिमिट ₹5,000 थी, तो ₹350 तक की पेनल्टी कट सकती है।
3. FD पर ब्याज दरों में बदलाव संभव
जून से फिक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव संभव है। RBI की रेपो रेट घटने या बढ़ने से बैंक अपनी FD रेट में बदलाव करते हैं। इस समय ज्यादातर बैंक 6.5% से 7.5% के बीच ब्याज दे रहे हैं, लेकिन जून में रेट घटने की संभावना है।
सुझाव: अगर आप एफडी करवाने की सोच रहे हैं, तो 1 जून से पहले करवा लें ताकि आपको ज्यादा ब्याज मिले।
4. UPI ट्रांजैक्शन की सीमा फिक्स
अब UPI से ₹1 लाख तक ही लेन-देन कर सकेंगे। कुछ विशेष मामलों में ₹2 लाख तक की छूट होगी, लेकिन उससे ऊपर के ट्रांजैक्शन के लिए आपको NEFT या RTGS का इस्तेमाल करना होगा। ये नियम NPCI ने सुरक्षा और सिस्टम पर लोड को कम करने के लिए बनाया है।
5. बैंकिंग OTP सिस्टम होगा और सिक्योर
बढ़ते साइबर फ्रॉड को देखते हुए अब हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन पर OTP मोबाइल के साथ-साथ ईमेल पर भी आएगा। साथ ही कई बैंक अब बायोमेट्रिक लॉगिन और फेस रिकग्निशन जैसी आधुनिक सुविधाएं भी जोड़ रहे हैं ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके।
व्यक्तिगत अनुभव: मैंने हाल ही में ₹50,000 ट्रांसफर किया, मोबाइल और ईमेल दोनों पर OTP आया। यह थोड़ा लंबा प्रोसेस जरूर है, लेकिन इससे सुरक्षा का भरोसा बढ़ा।
किन पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा?
- बुज़ुर्ग जो डिजिटल बैंकिंग में कम सहज हैं।
- छोटे दुकानदार जो कैश ट्रांजैक्शन करते हैं।
- वो लोग जिनका अकाउंट बार-बार मिनिमम बैलेंस से नीचे चला जाता है।
खुद को कैसे तैयार करें?
- हर महीने ATM ट्रांजैक्शन गिनें और लिमिट में रहें।
- अकाउंट बैलेंस हमेशा न्यूनतम सीमा से ऊपर रखें।
- FD के रेट चेक करके जल्दी निवेश करें।
- बड़ी रकम ट्रांसफर करनी हो तो NEFT/RTGS यूज़ करें।
- बैंक ऐप लॉगिन करते वक्त कभी भी पब्लिक Wi-Fi न यूज़ करें।
बैंकिंग नियमों में बदलाव: 1 नजर में
बैंक का नाम | मिनिमम बैलेंस | फ्री ATM ट्रांजैक्शन | अतिरिक्त चार्ज | FD ब्याज दर (1 वर्ष) |
---|---|---|---|---|
SBI | ₹3,000 – ₹10,000 | 5 | ₹21 | 6.8% |
HDFC | ₹5,000 – ₹10,000 | 3 | ₹21 | 7.2% |
ICICI | ₹5,000 | 3 | ₹21 | 7.0% |
PNB | ₹2,000 – ₹5,000 | 5 | ₹20 | 6.5% |
Axis Bank | ₹5,000 | 4 | ₹21 | 7.1% |
BOB | ₹2,000 | 5 | ₹20 | 6.9% |
Canara Bank | ₹1,000 – ₹5,000 | 5 | ₹20 | 6.7% |
बैंकिंग से जुड़े ये बदलाव छोटे लग सकते हैं, लेकिन समय पर जानकारी न होने से जेब पर बड़ा असर पड़ सकता है। अगर आप पहले से अलर्ट रहेंगे, तो न सिर्फ पैसे बचा सकेंगे, बल्कि खुद को ऑनलाइन फ्रॉड से भी सुरक्षित रख पाएंगे।
Disclaimer: यह लेख पब्लिकली उपलब्ध जानकारी, बैंक नोटिफिकेशन और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी बैंकिंग फैसले से पहले अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या ब्रांच से पुष्टि जरूर करें।