Salary Hike – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए एक बहुत ही बड़ी और राहत भरी खबर सामने आ रही है। केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार की मंजूरी के बाद अब यह तय हो गया है कि जल्द ही सभी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा। इससे न सिर्फ नौकरीपेशा लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि उनके परिवारों को भी राहत मिलेगी।
क्यों जरूरी है नया वेतन आयोग
भारत में हर 10 साल में एक वेतन आयोग गठित किया जाता है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी, भत्ते और पेंशन की समीक्षा करता है। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था, जिसकी अवधि 2025 तक मानी जाती है। ऐसे में अब आठवां वेतन आयोग लाने की जरूरत महसूस की जा रही थी और सरकार ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। इससे देशभर के करीब 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलने वाला है।
बेसिक सैलरी में होगा बंपर इजाफा
सबसे ज्यादा चर्चा जिस बात की हो रही है, वो है फिटमेंट फैक्टर का। दरअसल, फिटमेंट फैक्टर के जरिए ही तय होता है कि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कितनी बढ़ेगी। मौजूदा समय में कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये है, लेकिन नए वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर करीब 51 हजार रुपये तक किए जाने की संभावना है। यानी एक झटके में सैलरी में तगड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। हालांकि अभी यह आंकड़ा अनुमानित है और अंतिम फैसला आयोग की सिफारिशों के बाद ही होगा।
फायदे में रहेंगे लाखों कर्मचारी और पेंशनर्स
सरकार के इस फैसले से न सिर्फ वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारी खुश हैं, बल्कि पेंशन ले रहे बुजुर्गों के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई है। देशभर में करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें इस वेतन आयोग का लाभ मिलेगा। इसमें सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारी, रेलवे, डाक विभाग, सेना के जवान और सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि जब लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा होगा तो बाजार में भी रौनक बढ़ेगी।
कब से लागू होगा नया वेतन आयोग
सरकार की योजना है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2026 से लागू किया जाए। चूंकि सातवें वेतन आयोग की अवधि मार्च 2025 तक है, इसलिए आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने और सरकार को सौंपने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। इस दौरान आयोग विभिन्न विभागों से चर्चा करेगा, कर्मचारियों की समस्याओं को समझेगा और फिर एक ठोस रिपोर्ट तैयार करेगा।
इतिहास क्या कहता है वेतन आयोग का
भारत में वेतन आयोग की शुरुआत साल 1946 में हुई थी और अब तक सात वेतन आयोग बन चुके हैं। हर वेतन आयोग ने अपने वक्त की महंगाई और आर्थिक हालात को देखते हुए कर्मचारियों के हित में फैसले दिए हैं। सातवां वेतन आयोग 2014 में बना था और इसे 2016 में लागू किया गया था। उसके बाद से ही कर्मचारियों को नए आयोग का इंतजार था, जो अब पूरा होता नजर आ रहा है।
सिर्फ वेतन नहीं, भत्तों में भी होगा सुधार
यह आयोग केवल बेसिक सैलरी पर ही काम नहीं करेगा बल्कि डीए यानी महंगाई भत्ता, एचआरए, मेडिकल, ट्रांसपोर्ट और अन्य सुविधाओं की भी समीक्षा करेगा। खासतौर पर दूर-दराज के इलाकों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए यह राहत भरा हो सकता है। साथ ही पेंशनरों की पेंशन में भी अच्छे खासे सुधार की उम्मीद की जा रही है।
नौकरी करने वालों के लिए क्या होगा असर
जो युवा सरकारी नौकरी के लिए मेहनत कर रहे हैं, उनके लिए भी यह खबर मोटिवेशन से कम नहीं है। जब वे देखते हैं कि सरकारी नौकरी में सैलरी और सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं, तो वे इस क्षेत्र में आने के लिए और ज्यादा प्रेरित होते हैं। इससे सरकारी सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार होता है, क्योंकि योग्य और प्रतिभाशाली लोग इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं।
कुल मिलाकर आठवें वेतन आयोग का गठन एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला है। इससे न सिर्फ लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी बल्कि सरकारी सेवा को भी मजबूत आधार मिलेगा। आने वाले वक्त में जब यह आयोग अपनी सिफारिशें पेश करेगा, तब और स्पष्टता आएगी कि सैलरी में कितना इजाफा होगा। लेकिन इतना तय है कि अच्छे दिन आने वाले हैं।