Cheque Bounce – अगर आप भी पैसों के लेन-देन के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके बहुत काम की है। अब चेक बाउंस होना सिर्फ एक छोटी सी गलती नहीं रही, बल्कि इसके लिए आपको जेल भी हो सकती है और भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है। दरअसल, सरकार और कोर्ट दोनों मिलकर अब चेक से लेन-देन को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने में जुटे हुए हैं। आइए जानते हैं कि अगर आपका या किसी का चेक बाउंस हो जाता है, तो अब क्या होगा, कैसे सज़ा मिलेगी, और आप इससे कैसे बच सकते हैं।
पहले से ज्यादा सख्त हुए हैं नियम
अब अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी को चेक देता है और वो बाउंस हो जाता है, तो उस पर गंभीर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। ऐसा करने वाले को दो साल तक की जेल हो सकती है और चेक की रकम का डबल जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। यानी अगर आपने किसी को 50 हजार का चेक दिया और वह बाउंस हो गया, तो आपको 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
कोर्ट में अब फटाफट सुनवाई
पहले चेक बाउंस के मामले सालों तक कोर्ट में लटके रहते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब कोर्ट इन मामलों की सुनवाई जल्दी करेगा ताकि जिसे नुकसान हुआ है, उसे जल्दी न्याय मिल सके। मद्रास हाईकोर्ट ने खासतौर पर ऐसे मामलों को जल्द निपटाने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
अब शिकायत करने के लिए मिलेगा ज्यादा समय
पहले अगर किसी का चेक बाउंस होता था तो उसे कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने के लिए सिर्फ 30 दिन का वक्त मिलता था। अब यह समय बढ़ाकर 3 महीने यानी 90 दिन कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब पीड़ित व्यक्ति को केस फाइल करने के लिए थोड़ा ज्यादा वक्त मिलेगा।
ऑनलाइन शिकायत का ऑप्शन भी अब मौजूद
अब आपको बैंक और कोर्ट के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं। नए नियमों के तहत अब आप चेक बाउंस से जुड़ी शिकायत ऑनलाइन भी दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके पास ईमेल, मैसेज या कोई डिजिटल सबूत है, तो अब कोर्ट में इन्हें भी मान्यता मिलेगी।
चेक बाउंस होते ही मिलेगा अलर्ट
जैसे ही चेक बाउंस होता है, बैंक अब 24 घंटे के अंदर ही अकाउंट होल्डर और जिसको चेक मिला था, दोनों को SMS और ईमेल के जरिए जानकारी देगा। इसमें ये भी बताया जाएगा कि चेक क्यों बाउंस हुआ – पैसे की कमी, सिग्नेचर मिसमैच या कोई और कारण।
बार-बार बाउंस किया तो अकाउंट हो सकता है बंद
अगर किसी व्यक्ति का चेक लगातार तीन बार बाउंस होता है, तो बैंक उसका खाता कुछ समय के लिए फ्रीज़ कर सकता है। इसका मतलब है कि आप उस खाते से लेन-देन नहीं कर पाएंगे। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि लोग लेन-देन में लापरवाही न करें।
ऐसे बचें चेक बाउंस की मुसीबत से
अब बात करते हैं कि आखिर आप चेक बाउंस होने से कैसे बच सकते हैं। तो ये कुछ जरूरी बातें हमेशा याद रखें:
- चेक देने से पहले अपने खाते में पर्याप्त पैसे रखें।
- चेक भरते वक्त तारीख और नाम सही-सही लिखें।
- कभी भी फटा हुआ या गंदा चेक इस्तेमाल न करें।
- “Account Payee” जरूर लिखें ताकि पैसा सीधे सामने वाले के खाते में जाए।
- सही स्याही और साफ हैंडराइटिंग से चेक भरें।
- अगर किसी वजह से समय पर पैसा नहीं दे पा रहे, तो सामने वाले को पहले से बता दें।
- अपना बैंक स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करते रहें।
कानून क्या कहता है?
चेक बाउंस का मामला ‘नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881’ की धारा 138 के तहत आता है। इसके तहत अगर कोई जानबूझकर या लापरवाही से चेक बाउंस करता है, तो उसे सज़ा के तौर पर जेल, डबल जुर्माना, कोर्ट फीस और वकील की फीस सब कुछ भुगतना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में 100 रुपये से लेकर 750 रुपये तक का बैंक चार्ज भी लग सकता है।
चेक से लेन-देन करना आज भी बहुत आम है, लेकिन इसके लिए अब पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी। सरकार और कोर्ट अब इसे लेकर बिल्कुल सख्त हो गए हैं। ऐसे में छोटी सी गलती भी आपके लिए बड़ा नुकसान बन सकती है। अगर आप इन नियमों का पालन करेंगे तो ना सिर्फ कानूनी पचड़े से बचेंगे, बल्कि आपका विश्वास और लेन-देन दोनों मजबूत रहेंगे।