EMI नहीं भर पाए तो घबराएं नहीं! हाईकोर्ट का बड़ा फैसला – मिल सकती है राहत EMI Bounce

By Prerna Gupta

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EMI Bounce

EMI Bounce – आजकल ज्यादातर लोग गाड़ी खरीदते समय लोन का सहारा लेते हैं, चाहे वो दोपहिया हो या चारपहिया। एकसाथ पूरी रकम चुकाना सभी के लिए आसान नहीं होता, इसलिए EMI यानी मासिक किस्त के ज़रिए गाड़ी खरीदना आम बात हो गई है। लेकिन अगर वक्त पर EMI न भरी जाए तो मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है जो उन लोगों के लिए राहत भरी है जो किसी वजह से EMI समय पर नहीं भर पाए।

क्या होता है EMI बाउंस होना

जब आपके खाते में पैसे नहीं होते और बैंक आपकी EMI काटने की कोशिश करता है, तो वो किस्त बाउंस हो जाती है। इसका मतलब है कि भुगतान नहीं हुआ। इसके बाद बैंक आपको नोटिस भेजता है, फोन करता है और कई बार पेनाल्टी भी लगाता है। अगर लगातार तीन बार EMI नहीं भरी गई, तो मामला और गंभीर हो जाता है।

हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई ग्राहक EMI नहीं चुका पा रहा है, तो बैंक या उसका एजेंट जबरदस्ती जाकर गाड़ी नहीं ले जा सकते। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि किसी ग्राहक को डराना, धमकाना या बदसलूकी करना गैरकानूनी है। अगर कोई रिकवरी एजेंट ऐसा करता है तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है।

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तीन बार EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है

  1. पहली बार EMI नहीं भरी: बैंक आपको कॉल करता है या मैसेज भेजकर किस्त भरने की याद दिलाता है। पेनाल्टी लगती है लेकिन ज्यादा परेशानी नहीं होती।
  2. दूसरी बार भी नहीं चुकाई: अब बैंक थोड़ा सख्त हो जाता है। कस्टमर सर्विस वाले आपसे मिलने घर भी आ सकते हैं और आपसे जल्द भुगतान की बात कर सकते हैं।
  3. तीसरी बार भी नहीं भरी: अब बैंक को कानूनी रूप से यह हक मिल जाता है कि वो आपकी गाड़ी ज़ब्त कर सकता है। लेकिन इसके लिए भी उसे तय नियमों का पालन करना होता है। बिना नोटिस, पुलिस को सूचना और उचित प्रक्रिया के बिना गाड़ी ज़ब्त करना गैरकानूनी है।

रिकवरी एजेंटों की मनमानी पर लगाम

अक्सर देखा गया है कि कुछ एजेंट ग्राहक के घर पहुंचकर बदसलूकी करते हैं, धमकाते हैं और गाड़ी उठाकर ले जाते हैं। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि यह सब अब नहीं चलेगा। अगर कोई एजेंट गाली-गलौच करता है या मारपीट पर उतर आता है, तो ग्राहक पुलिस में सीधे शिकायत दर्ज करा सकता है।

आपके कानूनी अधिकार क्या हैं

  • कोई भी एजेंट जबरन आपकी गाड़ी नहीं ले जा सकता
  • अगर कोई धमकाता है या बदतमीज़ी करता है तो पुलिस को बताएं
  • अगर गाड़ी उठाकर ले जाई जाती है तो FIR दर्ज कराएं
  • लोन से जुड़े कागजात हमेशा अपने पास रखें
  • बैंक से लगातार संपर्क बनाए रखें और उन्हें अपनी स्थिति बताएं

अगर भुगतान ना हो पाए तो क्या करें

हर किसी की ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं। अगर आप किसी वजह से EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो डरें नहीं। सबसे पहले अपने बैंक से बात करें और उन्हें अपनी स्थिति साफ-साफ बताएं। कई बार बैंक खुद EMI Holiday, यानी कुछ महीनों की छुट्टी, या पुनर्गठन का विकल्प देते हैं जिसमें किस्त की राशि घटाई जा सकती है या समय सीमा बढ़ाई जाती है।

क्या होगा अगर गाड़ी ज़ब्त हो गई

अगर आपने तय समय तक भुगतान नहीं किया और बैंक ने नियमों के तहत गाड़ी जब्त कर ली, तो उसे कानूनी प्रक्रिया के जरिए नीलाम किया जा सकता है। नीलामी से जो रकम मिलती है उसमें से बैंक अपनी बकाया राशि वसूल करता है और अगर कुछ बचता है तो वो रकम आपको वापस की जाती है। यह पूरा काम SARFAESI एक्ट के तहत होता है, जिसमें पारदर्शिता ज़रूरी होती है।

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अगर आप गाड़ी के लिए लोन लेते हैं, तो उसे समय पर चुकाना आपकी ज़िम्मेदारी है। लेकिन अगर कभी परेशानी आती है तो घबराएं नहीं। बैंक से बातचीत करें, अपने अधिकार जानें और किसी भी गलत व्यवहार का डटकर सामना करें। अब कानून आपके साथ है और कोई भी एजेंट आपको डराकर आपकी गाड़ी नहीं ले जा सकता। सही जानकारी और समझदारी से आप मुश्किल वक्त को भी आसानी से पार कर सकते हैं।

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