Petrol Diesel Price – जून 2025 की शुरुआत में आम लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी राहत मिली है, जिससे रोजमर्रा के खर्चों में थोड़ी राहत महसूस हो रही है। बीते कुछ महीनों से बढ़ती महंगाई और ईंधन की ऊंची कीमतों ने लोगों की जेबें हल्की कर दी थीं, लेकिन अब हालात थोड़े सुधरे हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि पेट्रोल-डीजल सस्ता क्यों हुआ, इसका फायदा आपको कैसे मिलेगा, और क्या ये राहत लंबे वक्त तक टिकेगी या नहीं।
पेट्रोल-डीजल के दाम आखिर क्यों घटे?
दरअसल, पेट्रोल और डीजल की कीमतें सीधे अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल की कीमतों पर निर्भर करती हैं। इस बार जो गिरावट देखने को मिली है, उसके पीछे कुछ अहम वजहें हैं –
- ओपेक देशों ने तेल का उत्पादन बढ़ा दिया है, जिससे आपूर्ति में सुधार हुआ है
- दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती की वजह से तेल की मांग घटी है
- भारतीय रुपया थोड़ा मजबूत हुआ है, जिससे आयात सस्ता पड़ा
- तेल कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से सस्ता कच्चा तेल मिलने लगा है
इन सभी कारणों की वजह से पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में कमी आई है।
पेट्रोल की नई कीमतें – जानिए आपके शहर में कितना फर्क पड़ा
अब बात करते हैं शहरों के हिसाब से कीमतों की। जून की शुरुआत में बड़े शहरों में पेट्रोल कुछ इस तरह सस्ता हुआ है:
- दिल्ली – करीब 95 रुपये 45 पैसे प्रति लीटर
- मुंबई – लगभग 107 रुपये 83 पैसे प्रति लीटर
- कोलकाता – करीब 104 रुपये 76 पैसे प्रति लीटर
अगर तुलना करें तो बीते महीने की तुलना में हर शहर में पेट्रोल करीब डेढ़ से दो रुपये तक सस्ता हुआ है।
डीजल भी हुआ सस्ता – ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ी राहत
डीजल के दाम घटने से सबसे ज्यादा फायदा ट्रक, बस और टैक्सी वालों को हुआ है। साथ ही लॉजिस्टिक्स और खेती से जुड़े कामों में भी ईंधन की लागत कम होगी।
कुछ शहरों में डीजल की पुरानी और नई कीमतें इस तरह से हैं:
- दिल्ली – 85.38 से घटकर 83.83 रुपये प्रति लीटर
- मुंबई – 94.14 से घटकर 92.35 रुपये
- चेन्नई – 89.74 से घटकर 88.10 रुपये
- कोलकाता – 88.92 से घटकर 87.60 रुपये
यानी औसतन डीजल एक से डेढ़ रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हुआ है।
आम लोगों को क्या फायदा होगा?
इस गिरावट से आपको सिर्फ पेट्रोल पंप पर ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की चीजों में भी राहत मिलेगी। क्योंकि जब ट्रांसपोर्ट सस्ता होता है, तो सब्जी-दूध से लेकर अन्य सामान की कीमतें भी स्थिर रहती हैं।
इसका फायदा आपको इन तरीकों से मिल सकता है:
- महीने का ईंधन खर्च कुछ सौ रुपये कम हो जाएगा
- बस, ऑटो और टैक्सी का किराया सस्ता हो सकता है
- सब्जी, फल, किराना आदि की ढुलाई कम दाम में होगी
- स्कूल-कॉलेज के वाहन शुल्क में थोड़ी राहत मिल सकती है
- मिडिल क्लास परिवारों का बजट थोड़ा संतुलित रहेगा
क्या ये राहत लंबे वक्त तक टिकेगी?
ये सवाल सबसे जरूरी है। फिलहाल भले ही दाम कम हुए हैं, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें कब फिर से बढ़ जाएं, इसका भरोसा नहीं किया जा सकता। क्योंकि इसके पीछे कई फैक्टर्स काम करते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
- विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की स्थिति
- ओपेक देशों की उत्पादन नीति
- भारत सरकार और राज्य सरकारों के टैक्स नियम
- किसी वैश्विक संकट या युद्ध जैसी स्थिति
अगर इन चीजों में फिर से कोई बदलाव आता है, तो कीमतें दोबारा ऊपर जा सकती हैं।
सरकार क्या कदम उठा सकती है?
अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें कंट्रोल में रहती हैं, तो सरकारें इन कदमों पर विचार कर सकती हैं:
- राज्य सरकारें वैट यानी टैक्स में थोड़ी राहत दे सकती हैं
- पेट्रोलियम सब्सिडी की नीतियों में बदलाव किया जा सकता है
- डीजल-पेट्रोल को GST के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है
- जरूरी होने पर आयात शुल्क में बदलाव कर आम जनता को राहत दी जा सकती है
जून 2025 की यह गिरावट आम लोगों के लिए राहत की खबर है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आई इस कमी से जेब पर बोझ हल्का हुआ है, और बजट थोड़ा सधा है।
हालांकि ये बदलाव स्थायी हैं या नहीं, ये आने वाले महीनों में पता चलेगा। तब तक के लिए यही सलाह है कि इस राहत का फायदा उठाएं, लेकिन ईंधन की बचत भी जरूर करें।