BED Deled Big News – उत्तर प्रदेश में बीएड और डीएलएड की पढ़ाई कर रहे या कर चुके छात्रों के लिए बहुत ही बड़ा झटका सामने आया है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी एनसीटीई ने प्रदेश के करीब 1000 से ज्यादा बीएड और डीएलएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। अब सवाल ये उठता है कि ऐसा अचानक क्यों हुआ और इसका असर छात्रों पर कितना पड़ेगा।
क्यों रद्द हुई कॉलेजों की मान्यता
एनसीटीई की ओर से जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें बताया गया कि इन कॉलेजों में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। सबसे पहले तो इन कॉलेजों ने एनसीटीई के पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज और ऑनलाइन अप्रूवल फॉर्म या तो भरा ही नहीं या फिर उसमें गलत जानकारी दी। इसके अलावा ग्राउंड पर जाकर की गई जांच में इन कॉलेजों की हकीकत कुछ और ही निकली।
कई कॉलेजों में छात्रों की संख्या बहुत कम पाई गई, वहीं कई कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर भी काफी कमजोर निकला। कुल मिलाकर यह साफ हो गया कि ये कॉलेज सिर्फ डिग्री बांटने की दुकान बनकर रह गए थे, जहां पढ़ाई के नाम पर कुछ खास नहीं हो रहा था। इसी के चलते एनसीटीई ने इनकी मान्यता पर रोक लगा दी।
कानपुर से लेकर उन्नाव तक कई कॉलेजों पर गिरी गाज
अगर बात करें इलाके की, तो अकेले कानपुर जिले के करीब 16 कॉलेजों की मान्यता रद्द हुई है। इनमें घाटमपुर, मंधना, बिठूर, यशोदानगर जैसे इलाकों के कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा उन्नाव और फतेहपुर के भी कई कॉलेजों की लिस्ट में नाम है। जैसे कि जनता शिक्षण संस्थान घाटमपुर, डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज, लव कुश महाविद्यालय उन्नाव और हरिवंश राय बच्चन डिग्री कॉलेज जैसी संस्थाएं भी इस लिस्ट में हैं।
छात्रों के लिए क्या है अगला कदम
अब सवाल उठता है कि जो छात्र इन कॉलेजों से बीएड या डीएलएड कर चुके हैं, उनका क्या होगा। फिलहाल एनसीटीई ने ऐसा कोई साफ निर्देश नहीं दिया है कि इन छात्रों की डिग्री अमान्य मानी जाएगी या नहीं। लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि यदि किसी कॉलेज को इस फैसले पर आपत्ति है तो वह 60 दिनों के अंदर एनसीटीई के पास पुनर्विचार के लिए आवेदन कर सकता है।
छात्रों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने कॉलेज की मान्यता की स्थिति खुद चेक करें। एनसीटीई की वेबसाइट पर कॉलेज का नाम डालकर यह पता लगाया जा सकता है कि कॉलेज की मान्यता अभी है या नहीं। अगर मान्यता खत्म हो गई है, तो छात्रों को संबंधित यूनिवर्सिटी या शिक्षा विभाग से संपर्क करके आगे की जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
भविष्य में एडमिशन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अब जिन छात्रों का सपना है कि वे बीएड या डीएलएड करके शिक्षक बनें, उन्हें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले यह जरूर जांच लें कि वह कॉलेज एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है या नहीं। सिर्फ नाम और प्रचार देखकर किसी भी संस्थान में दाखिला न लें। कुछ आसान बातें ध्यान में रखें:
- कॉलेज की वेबसाइट और इंफ्रास्ट्रक्चर को अच्छी तरह से चेक करें।
- पुराने छात्रों से फीडबैक लें कि कॉलेज में पढ़ाई कैसी होती है।
- एनसीटीई की वेबसाइट पर जाकर कॉलेज की मान्यता की स्थिति जरूर देखें।
- अगर संभव हो तो खुद कॉलेज जाकर वहां की स्थिति का जायजा लें।
डिग्री धारकों का क्या होगा
जिन छात्रों ने पहले ही इन कॉलेजों से बीएड या डीएलएड कर लिया है, वे काफी चिंता में हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनके हाथ में जो डिग्री है वह बेकार न हो जाए। हालांकि अभी तक सरकार या एनसीटीई की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदाजा यही है कि पुरानी डिग्रियों पर शायद सीधा असर नहीं पड़ेगा। फिर भी छात्रों को किसी भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके कॉलेज की मान्यता कब तक थी।
एनसीटीई की यह कार्रवाई एक बड़ा संदेश है कि अब शिक्षण संस्थानों की मनमानी नहीं चलेगी। यह कदम उन छात्रों के हित में भी है जो सही मायनों में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे हैं। अगर आप या आपके जानने वाले किसी कॉलेज में एडमिशन लेने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले उसकी मान्यता की स्थिति जरूर चेक करें। वरना सालों की मेहनत और पैसा दोनों बर्बाद हो सकते हैं। जागरूक बनें और सही निर्णय लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो।