संविदा आउटसोर्स कर्मचारी होंगे परमानेंट, कोर्ट ने दिया बड़ा तोहफा Contract Employees Regularisation

By Prerna Gupta

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Contract Employees Regularisation

Contract Employees Regularisation – यूपी के संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे हजारों संविदा कर्मचारियों की नौकरी पर स्थिरता आ जाएगी। खासतौर पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के आउटसोर्स पंप संचालकों को इस फैसले से बड़ी राहत मिली है।

दरअसल, हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जो आउटसोर्स संविदा कर्मचारी हैं, उन्हें 4 महीने के अंदर नियमित किया जाए। यानी अब उनकी नौकरी पर स्थायीपन का हक मिलेगा। इतना ही नहीं, जिन कर्मचारियों की सेवाएं पहले किसी कारण से खत्म कर दी गई थीं, उन्हें भी 3 महीने के अंदर बहाल किया जाएगा। ये फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत है।

लंबे समय से चली आ रही थी ये लड़ाई

उत्तर प्रदेश के जलकल विभाग में काम करने वाले आउटसोर्स संविदा पंप संचालक कई सालों से अपनी नौकरी की नियमितता और वेतन के लिए संघर्ष कर रहे थे। इन कर्मचारियों ने कई बार अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई। कहा जाता है कि 2010 से विभाग और अधिकारी मिलकर आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन, ईपीएफ और ईएसआई फंड के मामले में गड़बड़ी कर रहे थे। इस गड़बड़ी के खिलाफ भी कर्मचारियों ने कोर्ट का रुख किया था।

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इसके अलावा, नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के इन आउटसोर्स कर्मचारियों ने समान वेतन की भी मांग की थी ताकि उन्हें भी बाकी कर्मचारियों के बराबर भुगतान मिले। जेम पोर्टल के जरिए यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने पूरे मामले की गहराई से जांच के बाद कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया।

हाईकोर्ट ने दिया ठोस निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव यह सुनिश्चित करें कि सभी आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों को 4 महीने के भीतर नियमित किया जाए। साथ ही, जिन कर्मचारियों की सेवाएं पहले खत्म की गई थीं, उन्हें 3 महीने के अंदर बहाल किया जाए। हाईकोर्ट ने यह आदेश 14 मई 2025 को दिया था। इस आदेश की कॉपी मिलने के बाद संबंधित विभागों को इस पर तुरंत काम करना होगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी खुश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी इस फैसले से बहुत खुश हैं। लंबे वक्त से चल रही अनिश्चितता के बाद अब उन्हें नौकरी की स्थिरता मिलेगी। ये कर्मचारी कई सालों से संविदा पर काम कर रहे थे, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश से वे परमानेंट हो जाएंगे। इससे उनके वेतन, वेतन वृद्ध‍ि, छुट्टियों और अन्य सरकारी सुविधाओं में भी सुधार होगा।

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प्रदेश भर में 8 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी

उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में लगभग 8 लाख संविदा आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। ये कर्मचारी विभागों के बजाय विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से नियुक्त किए गए हैं। कई सालों से ये कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी, नियमितीकरण और अन्य लाभों के लिए सरकार से मांग करते आ रहे हैं। सरकार ने इन कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए अब आउटसोर्स सेवा निगम बनाने का निर्णय लिया है।

आउटसोर्स सेवा निगम बनने के बाद इन कर्मचारियों की सेवाएं और बेहतर होंगी। जल्द ही यह निगम कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद काम करना शुरू कर देगा। इस नए प्रावधान के तहत 100 से अधिक विभागों के संविदा कर्मचारी इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

सैलरी में भी होगी बढ़ोतरी

सरकार ने यह भी तय किया है कि संविदा कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये तक की जाएगी। इसका मतलब है कि न केवल कर्मचारी नियमित होंगे, बल्कि उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी होगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपने परिवार का बेहतर खर्च उठा पाएंगे।

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अगले कदम और क्या होगा?

अब ये आदेश लागू करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो जाएगी। 4 महीने के अंदर कर्मचारियों को नियमित करने का काम पूरा होना चाहिए। वहीं, जिनकी नौकरी पहले खत्म कर दी गई थी, वे भी 3 महीने के भीतर अपनी नौकरी पर वापस आएंगे। इस फैसले से न सिर्फ ग्रेटर नोएडा के जलकल विभाग के कर्मचारी बल्कि पूरे प्रदेश के संविदा कर्मचारी उत्साहित हैं।

कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत

इस फैसले से संविदा कर्मचारी लंबे समय से चल रही अनिश्चितता और डर से मुक्त हो जाएंगे। नियमितीकरण के बाद उन्हें स्थिर नौकरी का भरोसा मिलेगा, जिससे वे अपने भविष्य की बेहतर योजना बना सकेंगे। कोर्ट ने जो यह फैसला दिया है वह कर्मचारियों के हक में एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है।

सरकार की जिम्मेदारी बढ़ी

अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस आदेश को सही समय पर लागू करे और संविदा कर्मचारियों की शिकायतों का जल्द निपटारा करे। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन से भी संविदा कर्मचारियों को बेहतर कामकाज के अवसर और सुरक्षा मिलेगी।

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यूपी के संविदा आउटसोर्स कर्मचारी जो लंबे समय से नौकरी को लेकर अनिश्चितता में थे, अब उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है। 4 महीने के अंदर नियमितीकरण का आदेश और 3 महीने में बहाली का प्रावधान उनकी जिंदगी में स्थिरता लेकर आएगा। साथ ही सरकार की योजना के तहत सैलरी बढ़ोतरी और आउटसोर्स सेवा निगम का गठन भी कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

यह फैसला ना सिर्फ इन कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के संविदा श्रमिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।

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