NHAI Toll Plaza Rule – देश के नेशनल हाइवे पर सफर करने वाले ड्राइवरों और आम लोगों के लिए एक बड़ी खबर आई है। NHAI यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल प्लाजा को लेकर नया नियम जारी किया है, जिसके तहत अब हर दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी रखनी होगी। यह फैसला लोगों की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि बहुत कम दूरी पर बार-बार टोल चुकाने से ट्रैवल महंगा और परेशान करने वाला हो गया था। आइए जानते हैं इस नए नियम से क्या-क्या बदलाव होंगे, कौन-कौन से मार्गों पर इसका असर पड़ेगा, और इससे किसे फायदा होगा।
नया NHAI टोल प्लाजा नियम क्या है?
इस नए नियम के मुताबिक अब हर दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी अनिवार्य है। इसका मतलब यह है कि अब बहुत छोटे-छोटे अंतराल पर टोल वसूलना बंद होगा। खास बात यह है कि यह नियम मुख्य रूप से नए और प्रस्तावित टोल प्लाजा पर लागू होगा। वहीं पुराने टोल प्लाजा जहां बहुत नजदीक-नजदीक बने हैं, वहां समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो उन्हें हटाने या मर्ज करने का भी प्रस्ताव आएगा।
क्यों लाया गया यह नियम?
लोगों की शिकायतें लंबे समय से थीं कि बहुत कम दूरी के बीच टोल लगाए जाते हैं, जिससे सफर महंगा हो जाता है। उदाहरण के लिए दिल्ली से जयपुर के रास्ते में ड्राइवरों को कई बार टोल चुकाना पड़ता था, जबकि कुल दूरी 280 किलोमीटर के आसपास है। इसी तरह ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि रोजाना टोल शुल्क का खर्च उनके बजट पर बड़ा बोझ बन गया है। इसलिए NHAI ने यह कदम उठाकर टोल प्लाजा की दूरी तय की है ताकि टोल शुल्क का बोझ कम हो।
कौन से रास्तों पर होगा सबसे ज्यादा असर?
यह नया नियम पूरे देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होगा, लेकिन खासतौर पर जिन मार्गों पर टोल प्लाजा की संख्या ज्यादा है, वहां इसका असर साफ दिखेगा। उदाहरण के तौर पर:
- दिल्ली से जयपुर मार्ग पर वर्तमान में चार टोल प्लाजा हैं, जो औसतन 50 किलोमीटर की दूरी पर हैं। नए नियम के अनुसार यहां दो टोल हटाए जा सकते हैं।
- लखनऊ से कानपुर मार्ग पर दो टोल हैं जो लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर हैं, यहां भी टोल कम हो सकता है।
- पुणे से मुंबई एक्सप्रेसवे पर तीन टोल हैं, जहां भी दूरी बढ़ाकर कम से कम 60 किलोमीटर करने की तैयारी है।
- चंडीगढ़ से मनाली, कोलकाता से दार्जिलिंग, अहमदाबाद से सूरत और हैदराबाद से विजयवाड़ा जैसे मार्गों पर भी टोल प्लाजा की संख्या और दूरी पर समीक्षा हो रही है।
टोल शुल्क में क्या बदलाव होगा?
नया नियम सिर्फ टोल प्लाजा की दूरी तक सीमित नहीं है, बल्कि टोल शुल्क की गणना में भी बदलाव किया जाएगा। अब टोल शुल्क दूरी के हिसाब से और सड़क की गुणवत्ता के आधार पर तय किया जाएगा। मोटे तौर पर यह शुल्क ₹2 से ₹3 प्रति किलोमीटर होगा, जो वाहन की श्रेणी के अनुसार थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है। भारी वाहन वालों को ज्यादा शुल्क देना होगा। अगर सड़क की गुणवत्ता अच्छी होगी तो प्रीमियम शुल्क लिया जा सकता है।
किसे होगा फायदा?
- जो लोग रोज़ाना काम-काज या अन्य जरूरतों के लिए हाईवे पर सफर करते हैं, उन्हें इस नियम से सीधा फायदा मिलेगा।
- ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े वाहन चालक, जो लंबे रास्ते रोज़ तय करते हैं, उनका खर्च कम होगा।
- टूरिज्म से जुड़ी इंडस्ट्री को भी फायदा होगा क्योंकि टूरिस्ट कम टोल चुकाकर आराम से यात्रा कर सकेंगे।
- छोटे शहरों से बड़े शहरों तक आने-जाने वाले आम लोगों को भी राहत मिलेगी।
क्या पुराने टोल प्लाजा हटेंगे?
पुराने टोल प्लाजा जहां बहुत पास-पास हैं, वहां भी सरकार समीक्षा करेगी। जो टोल बहुत नजदीक होंगे, उन्हें हटाने या मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे यात्रियों को बार-बार टोल चुकाने से निजात मिलेगी।
जनता की राय
सोशल मीडिया पर इस कदम को लोगों ने काफी सराहा है। कई यूजर्स ने कहा है कि बार-बार टोल देना बहुत बड़ा झंझट था, अब इससे निजात मिलेगी। हालांकि कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पुराने टोल हटाने में देर हो सकती है। फिर भी, कुल मिलाकर यह फैसला देश के करोड़ों वाहन चालकों के लिए राहत की खबर है।