मरने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ता लोन! जानिए बैंक कैसे करता है वसूली Personal Loan Rules

By Prerna Gupta

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Personal Loan Rules

Personal Loan Rules – आजकल लोन लेना हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। कभी बच्चों की पढ़ाई का खर्च, कभी मेडिकल इमरजेंसी, तो कभी घर खरीदने का सपना – हर जरूरत के लिए लोग बैंक या फाइनेंशियल कंपनियों से लोन लेने लगे हैं। लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में नहीं आता वो है – अगर लोन लेने वाले की अचानक मौत हो जाए तो फिर उस लोन की जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या परिवार को वो कर्ज चुकाना पड़ेगा?

इसका जवाब थोड़ा अलग-अलग होता है, क्योंकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह का लोन लिया है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

क्रेडिट कार्ड का बिल कौन चुकाएगा?

ज्यादातर लोग आज के दौर में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये एक अनसिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसके बदले आपने बैंक को कोई गारंटी या संपत्ति नहीं दी होती। अगर कार्डधारक की मृत्यु हो जाती है और कुछ पैसे क्रेडिट कार्ड पर बाकी हैं, तो बैंक परिवार से वो रकम जबरदस्ती नहीं ले सकता।

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हां, अगर परिवार खुद चाहे और कार्डधारक की संपत्ति में से कुछ हिस्सा मिला है, तो बैंक politely रिक्वेस्ट जरूर कर सकता है। लेकिन कानूनी रूप से बैंक परिवार वालों पर दबाव नहीं बना सकता।

पर्सनल लोन का क्या होता है?

पर्सनल लोन भी क्रेडिट कार्ड की तरह ही अनसिक्योर्ड होता है। अगर लोन लेने वाले की मौत हो जाती है, तो आमतौर पर बैंक परिवार से पैसे वापस नहीं मांग सकता।

लेकिन अगर आपने लोन लेते वक्त किसी को गारंटर बनाया है – यानी जिसने आपकी गारंटी दी है – तो बैंक उस गारंटर से पैसा मांग सकता है।

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इसलिए अगर आप किसी के गारंटर बन रहे हैं, तो पहले उसकी फाइनेंशियल स्थिति और हेल्थ आदि अच्छी तरह जांच लें।

होम लोन की स्थिति थोड़ी अलग है

होम लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, मतलब आपके घर या प्लॉट को बैंक के पास गिरवी रखा जाता है। अगर लोन लेने वाले की मौत हो जाती है और लोन पूरा नहीं चुका है, तो स्थिति इस बात पर निर्भर करती है कि कोई को-एप्लिकेंट है या नहीं।

अगर पति-पत्नी ने साथ में होम लोन लिया है, तो दूसरे को वो लोन चुकाना होगा। लेकिन अगर कोई को-एप्लिकेंट नहीं है, तो बैंक उस प्रॉपर्टी को बेचकर अपना पैसा वसूल सकता है।

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ये नियम SARFAESI एक्ट के तहत आते हैं, जो बैंकों को नॉन-पेमेंट की स्थिति में प्रॉपर्टी कब्जे का हक देता है।

लोन इंश्योरेंस – समझदारी की निशानी

आजकल बैंक आपको लोन लेते समय इंश्योरेंस लेने का भी ऑप्शन देते हैं। खासतौर पर होम लोन के साथ लोन इंश्योरेंस लेना आम हो गया है।

अगर आपने लोन के साथ इंश्योरेंस लिया हुआ है और आपकी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी बैंक को पूरा बकाया चुकाती है। इससे ना तो परिवार को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है और ना ही बैंक को नुकसान होता है।

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तो अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं या ले चुके हैं, तो एक बार जरूर जांचें कि उसमें इंश्योरेंस शामिल है या नहीं। कई बार थोड़ी सी प्रीमियम देकर आप बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं।

परिवार के लिए जिम्मेदारियां कम करें

जब भी आप कोई बड़ा लोन लेते हैं, तो अपने परिवार से इस बारे में खुलकर बात करें। उन्हें बताएँ कि आपने लोन क्यों लिया है, कितना बकाया है और क्या उस पर इंश्योरेंस है।

इसके अलावा, अपने जरूरी दस्तावेजों जैसे लोन पेपर्स, इंश्योरेंस पॉलिसी, नॉमिनी की जानकारी आदि को एक जगह रखें ताकि जरूरत पड़ने पर परिवार को आसानी हो।

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लोन लेना कोई गलत बात नहीं है। ज़रूरत पर लिया गया लोन कई बार आपकी जिंदगी आसान बना सकता है। लेकिन ये समझदारी की बात है कि लोन लेने से पहले उसके नियम, बीमा और भविष्य की संभावनाओं को अच्छे से समझा जाए।

अगर आप सही प्लानिंग के साथ लोन लेते हैं, तो किसी अनहोनी की स्थिति में आपके परिवार पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। इससे न सिर्फ आप चैन की नींद सो पाएंगे बल्कि आपके अपनों को भी सुरक्षा का एहसास मिलेगा।

लोन से जुड़ी शर्तों को जानना और समझदारी से फैसला लेना जरूरी है। साथ ही अगर संभव हो तो लोन इंश्योरेंस जरूर लें, ताकि आपकी गैरमौजूदगी में आपके परिवार को किसी तरह की फाइनेंशियल दिक्कत ना झेलनी पड़े।

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