Property Rates – अगर आप भी दिल्ली-एनसीआर में जमीन या फ्लैट खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो जरा रुक जाइए। हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक यहां प्रॉपर्टी के दाम इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि आम आदमी के लिए घर खरीदना एक सपना बनता जा रहा है। आबादी बढ़ रही है, मगर जमीन उतनी ही है और यही वजह है कि रेट लगातार ऊपर जा रहे हैं।
शहरों में तो हालत ये है कि एक ही जगह कुछ साल पहले जो मकान 50 लाख का था, अब वही 1 करोड़ तक पहुंच गया है। खासकर दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम जैसे इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें बेकाबू होती जा रही हैं।
जमीन के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं
बीते कुछ सालों में दिल्ली-एनसीआर की जमीन के रेट में जबरदस्त उछाल आया है। लोग पहले सोचते थे कि प्रॉपर्टी एक सुरक्षित निवेश है, मगर अब ये निवेश आम लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। रिपोर्ट की मानें तो नोएडा के कुछ सेक्टर्स में पिछले तीन सालों में प्रॉपर्टी के दाम करीब-करीब दोगुने हो चुके हैं।
नोएडा सेक्टर 150 का ही उदाहरण लें। यहां 2021 में जमीन की कीमत लगभग 5700 रुपये प्रति वर्ग फुट थी, लेकिन अब वही जमीन करीब 13000 रुपये प्रति वर्ग फुट में मिल रही है। यानी 128 फीसदी की बढ़ोतरी।
किराए में उतनी बढ़ोतरी नहीं
हालांकि एक बात गौर करने वाली है कि जितनी तेजी से जमीन के रेट बढ़े हैं, उतनी तेजी से किराया नहीं बढ़ा। नोएडा में जहां प्रॉपर्टी के दाम 128 फीसदी बढ़े, वहीं किराए में सिर्फ 66 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई है।
मतलब अगर आप निवेश के मकसद से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो उतना बड़ा फायदा नहीं मिल रहा जितनी उम्मीद थी। नोएडा की तुलना में गुरुग्राम थोड़ा बैलेंस में नजर आता है। सोहना रोड पर प्रॉपर्टी के दाम 59 फीसदी बढ़े हैं और किराए में 47 फीसदी का इजाफा हुआ है।
गुरुग्राम में भी हालत कुछ बेहतर नहीं
अब अगर गुरुग्राम के सोहना रोड की बात करें, तो वहां 2021 में जमीन की कीमत करीब 6600 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। अब यह बढ़कर 10500 रुपये हो गई है। वहीं किराया पहले जहां 25000 रुपये महीना था, अब बढ़कर करीब 36700 रुपये प्रति महीना हो चुका है।
यहां फर्क ये है कि किराया और प्रॉपर्टी की कीमत दोनों में संतुलन कुछ हद तक बना हुआ है, लेकिन फिर भी यह किसी मिडल क्लास परिवार के लिए आसान नहीं है।
निवेशकों की रुचि अभी भी बरकरार
दिलचस्प बात ये है कि इतने महंगे दामों के बावजूद प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों की रुचि खत्म नहीं हुई है। बड़े निवेशक मानते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली-एनसीआर की प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ेंगी। यही वजह है कि निवेशक अभी भी पैसा लगा रहे हैं और इसका सीधा असर आम खरीदारों पर पड़ रहा है।
और कहां-कहां बढ़े रेट
दिल्ली-एनसीआर के अलावा बेंगलुरु, मुंबई जैसे शहरों में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं पुणे, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों में किराए में ज्यादा इजाफा हुआ है। कुल मिलाकर पूरे देश में प्रॉपर्टी मार्केट गरमाया हुआ है।
घर खरीदना हो गया सपना
अब सवाल ये है कि क्या आम आदमी के लिए घर खरीदना एक सपना बन गया है। पहले लोग 10-15 साल की प्लानिंग करके अपना खुद का मकान खरीद लेते थे। लेकिन अब अगर किसी को नोएडा या गुरुग्राम में 2 या 3 बीएचके का घर लेना है तो 1 करोड़ या उससे ज्यादा खर्च करना होगा। ये रकम हर किसी के बस की बात नहीं।
क्या है सरकार की भूमिका
इस तेजी से बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम्स को ज्यादा मजबूत बनाना होगा और ऐसे इलाकों को विकसित करना होगा जहां आम लोग घर खरीद सकें।
दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी खरीदना अब आम आदमी के लिए आसान नहीं रहा। जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, मगर किराए में उतनी बढ़ोतरी नहीं हो रही जिससे निवेश का फायदा भी सीमित हो गया है। ऐसे में अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो सोच-समझकर ही कोई फैसला लें। जरूरत हो तो पहले किराए पर रहना बेहतर विकल्प हो सकता है और जब बाजार थोड़ा स्थिर हो, तब सही समय देखकर निवेश करना फायदेमंद होगा।