Property Transfer Rules – प्रॉपर्टी खरीदना या बेचने का मतलब सिर्फ पैसा देना या लेना नहीं होता, बल्कि इसके पीछे कानूनी प्रक्रिया भी बहुत जरूरी होती है। जब तक प्रॉपर्टी का नाम आपके नाम पर कानूनी तौर पर ट्रांसफर नहीं हो जाता, तब तक आप उसके असली मालिक नहीं बन सकते। चाहे आपने कितने भी पैसे दे दिए हों, अगर नामांतरण सही तरीके से नहीं हुआ तो प्रॉपर्टी पर आपका कोई अधिकार नहीं माना जाएगा। इसलिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर के सही नियम और तरीका जानना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में कोई झंझट न हो।
प्रॉपर्टी ट्रांसफर का सही तरीका क्या है?
कानून के मुताबिक प्रॉपर्टी ट्रांसफर के तीन मुख्य तरीके हैं — सेल डीड, गिफ्ट डीड और त्यागनामा। ये तीनों तरीके अलग-अलग परिस्थितियों में उपयोग होते हैं, लेकिन सभी में एक बात जरूरी है कि प्रॉपर्टी का ट्रांसफर रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर हो।
सेल डीड (Sale Deed)
सेल डीड प्रॉपर्टी ट्रांसफर का सबसे आम और लोकप्रिय तरीका है। जब कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदता है तो सेल डीड बनती है। यह वह दस्तावेज होता है जिसमें लिखा होता है कि विक्रेता ने खरीदार को प्रॉपर्टी बेच दी है। इसे सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर करना जरूरी होता है।
सेल डीड रजिस्ट्रेशन के बाद ही कानूनी तौर पर प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नए खरीदार के नाम हो जाता है। इस प्रक्रिया में प्रॉपर्टी की कीमत, विक्रेता और खरीदार का नाम, प्रॉपर्टी का पता और अन्य जरूरी बातें दर्ज होती हैं। बिना सेल डीड के प्रॉपर्टी पर अधिकार साबित करना मुश्किल होता है।
गिफ्ट डीड (Gift Deed)
अगर आप बिना पैसे लिए अपनी प्रॉपर्टी किसी को देना चाहते हैं, तो गिफ्ट डीड बनानी पड़ती है। यह भी एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसमें गिफ्टर यानी संपत्ति देने वाला और गिफ्ट पाने वाले के नाम दर्ज होते हैं।
गिफ्ट डीड में खास बात यह है कि इसमें पैसों का लेनदेन नहीं होता, बल्कि प्रॉपर्टी को तोहफे के तौर पर दिया जाता है। इसे स्टांप पेपर पर बनवाना जरूरी है और कम से कम दो गवाहों के सामने अटेस्ट करवाना पड़ता है। फिर इसे रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करना होता है।
यह तरीका खासकर परिवार के बीच संपत्ति देने के लिए बहुत उपयोगी होता है, जैसे भाई-बहन, माता-पिता और बच्चों के बीच। गिफ्ट डीड बनने पर टैक्स की भी समस्या नहीं होती अगर नियमों का सही पालन किया गया हो।
त्यागनामा (Abandonment Deed)
कभी-कभी ऐसा होता है कि परिवार के किसी सदस्य को अपनी हिस्सेदारी से खुद मर्जी से हटना पड़ता है और वह अपनी प्रॉपर्टी किसी दूसरे सदस्य को देना चाहता है। इसके लिए त्यागनामा बनाया जाता है।
त्यागनामा का मतलब है कि आप अपनी प्रॉपर्टी को छोड़ रहे हैं और दूसरे को उसका पूरा अधिकार दे रहे हैं। इसे भी दो गवाहों की मौजूदगी में अटेस्ट करवाना पड़ता है और रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है।
इस तरह के मामले ज्यादातर तब होते हैं जब बहन अपने भाई को प्रॉपर्टी का हिस्सा देती है या किसी कानूनी उत्तराधिकारी को प्रॉपर्टी विरासत में मिलती है।
प्रॉपर्टी ट्रांसफर क्यों जरूरी है?
कई बार लोग प्रॉपर्टी खरीदने के बाद ट्रांसफर का ध्यान नहीं देते या समझ नहीं पाते कि यह कितना जरूरी है। बिना ट्रांसफर के प्रॉपर्टी पर कानूनी कब्जा नहीं माना जाएगा। इसका मतलब है कि अगर किसी वजह से विवाद हो जाए, तो आपके खिलाफ केस हो सकता है या आपको प्रॉपर्टी खोनी पड़ सकती है।
इसके अलावा, बैंक लोन या किसी भी सरकारी काम के लिए भी प्रॉपर्टी का सही रजिस्ट्रेशन होना जरूरी होता है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते या गिफ्ट करते वक्त हमेशा ट्रांसफर का ध्यान रखें।
क्या करें जब प्रॉपर्टी खरीदें या दें?
- सबसे पहले प्रॉपर्टी के कागजात अच्छे से चेक करें कि वह सही और क्लियर हो।
- सेल डीड, गिफ्ट डीड या त्यागनामा में से सही तरीका अपनाएं।
- दस्तावेजों को रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर कराएं, बिना रजिस्ट्रेशन के प्रॉपर्टी का कोई अधिकार नहीं होगा।
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस समय पर जमा करें।
- जरूरत पड़े तो किसी वकील की मदद जरूर लें ताकि कोई भी कानूनी गलती न हो।
टैक्स और रजिस्ट्रेशन का भी रखें ध्यान
प्रॉपर्टी ट्रांसफर के समय स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस देना जरूरी होता है। ये फीस आपके राज्य के नियमों के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। बिना भुगतान के ट्रांसफर मान्य नहीं होगा।
गिफ्ट डीड के मामले में भी कुछ नियम होते हैं। जैसे अगर गिफ्ट राशि सरकार द्वारा तय लिमिट से ज्यादा है तो टैक्स लग सकता है। इसलिए ट्रांसफर के समय टैक्स नियमों की जानकारी लेना जरूरी है।
प्रॉपर्टी ट्रांसफर को लेकर थोड़ी भी लापरवाही आपके लिए बहुत बड़ी मुसीबत बन सकती है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते, बेचते या गिफ्ट करते समय सेल डीड, गिफ्ट डीड या त्यागनामा की सही प्रक्रिया अपनाएं और रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं।
इससे न केवल आप कानूनी रूप से सुरक्षित रहेंगे, बल्कि भविष्य में कोई विवाद भी नहीं होगा। प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आपके नाम होगा और आपकी पूंजी भी सुरक्षित रहेगी। इसलिए हर कदम सोच-समझकर और कानूनी सलाह लेकर ही आगे बढ़ें।
अगर आप भी प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने वाले हैं तो अब इन बातों का खास ध्यान रखें ताकि आपकी प्रॉपर्टी आपके नाम पर सही तरीके से दर्ज हो जाए।