Ration Card New System – अगर आप मध्य प्रदेश के राशन कार्डधारक हैं और अब तक आपने ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। राज्य सरकार ने राशन वितरण के सिस्टम में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। 1 जून 2025 से पूरे प्रदेश में ‘स्मार्ट पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम’ यानी स्मार्ट पीडीएस लागू होने जा रहा है। पहले इसे 1 मई से लागू किया जाना था, लेकिन ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण इसे एक महीने के लिए टाल दिया गया।
अब सरकार ने साफ कह दिया है कि जिन लोगों की ई-केवाईसी 31 मई तक पूरी नहीं होगी, उन्हें सिस्टम से बाहर कर दिया जाएगा और उन्हें राशन मिलना बंद हो सकता है। यानी अब राशन कार्ड सिर्फ कार्ड होने से नहीं चलेगा, आपके डेटा का अपडेट होना जरूरी हो गया है।
क्या है स्मार्ट पीडीएस?
स्मार्ट पीडीएस एक डिजिटल प्रणाली है, जिसका मकसद है राशन वितरण को ज्यादा पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना। इस सिस्टम के लागू होने के बाद केंद्र सरकार भी राज्यों में हो रहे राशन वितरण पर नजर रख सकेगी। इसका फायदा यह होगा कि असली जरूरतमंदों तक ही राशन पहुंचे और फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर किया जा सके।
सरकार की योजना है कि राज्य स्तर पर जो मनमाने नियम चल रहे हैं, उन्हें बंद किया जाए और राशन वितरण में एकरूपता लाई जाए। इससे सभी को बराबरी से और समय पर लाभ मिल सकेगा।
कितने लोगों ने करवाई ई-केवाईसी?
अब तक राज्य में करीब 87 फीसदी राशन कार्डधारकों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बाकी 13 फीसदी लोगों को 31 मई तक का समय दिया गया है कि वे अपना डेटा अपडेट करवा लें। सरकार ने इस बार सख्त रुख अपनाया है और साफ कहा है कि इस बार कोई रियायत नहीं दी जाएगी। यानी जिनका ई-केवाईसी नहीं होगा, उन्हें राशन मिलना मुश्किल हो सकता है।
APL कार्डधारकों को बड़ा झटका
इस नई व्यवस्था का असर उन लोगों पर सबसे ज्यादा पड़ने वाला है जो एपीएल यानी एबव पावर्टी लाइन श्रेणी में आते हैं। अब तक कुछ राज्य इन लोगों को भी अपने स्तर पर राशन मुहैया करा रहे थे, लेकिन स्मार्ट पीडीएस लागू होने के बाद राज्यों को सिर्फ केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही राशन देना होगा।
इसका सीधा मतलब है कि अब राज्य सरकारें एपीएल वालों को राशन देने में सक्षम नहीं होंगी। इससे हजारों एपीएल कार्डधारकों को राशन मिलना बंद हो सकता है।
वन नेशन, वन राशन कार्ड को मिलेगा बढ़ावा
स्मार्ट पीडीएस सिस्टम पहले से लागू ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को और मजबूत बनाएगा। इस योजना के तहत कोई भी पात्र उपभोक्ता देश के किसी भी कोने में जाकर राशन ले सकता है। अब डिजिटल निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसके हकदार हैं।
क्या होंगे फायदे?
इस नई व्यवस्था के कई फायदे भी हैं। सबसे पहले तो असली जरूरतमंदों तक राशन समय से पहुंचेगा। दूसरा, वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी जिससे घोटालों की संभावना कम होगी। तीसरा, अब राशन वितरण पर केंद्र और राज्य दोनों की निगरानी रहेगी, जिससे जवाबदेही बढ़ेगी।
साथ ही अगर कोई दुकानदार या अधिकारी गड़बड़ी करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकेगी। यानी ये सिस्टम जहां एक तरफ उपभोक्ताओं को फायदा देगा, वहीं जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी भी बढ़ाएगा।
क्या करें उपभोक्ता?
अगर आप चाहते हैं कि आपका राशन न रुके और आपका नाम सिस्टम से न हटे, तो 31 मई से पहले-पहले अपने राशन कार्ड की ई-केवाईसी करवा लें। इसके लिए आप अपने नजदीकी राशन दुकान, लोक सेवा केंद्र या ई-मित्र केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन करवा सकते हैं।
ध्यान रखें कि समय रहते यह प्रक्रिया पूरी न करने पर आप इस सिस्टम से बाहर हो सकते हैं और फिर दोबारा शामिल होने में दिक्कतें आ सकती हैं।
राशन कार्ड सिस्टम में यह बदलाव डिजिटल युग की जरूरत है। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा और असली जरूरतमंदों को समय पर मदद मिल सकेगी। लेकिन यह तभी संभव होगा जब सभी उपभोक्ता समय पर अपनी ई-केवाईसी पूरी करें। तो अगर अब तक आपने यह काम नहीं किया है, तो देर न करें और तुरंत अपने राशन कार्ड को अपडेट करवा लें।