RBI Guidelines – अगर आपने बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन लिया है और किसी वजह से वक्त पर ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं, तो आपके लिए एक राहत भरी खबर है। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं, जो लोन नहीं भर पाने वाले लोगों को कई अहम अधिकार देती हैं। अब बैंक और रिकवरी एजेंट आपकी संपत्ति जब्त करने या धमकी देने जैसी हरकतें बिना कायदे के नहीं कर पाएंगे।
बिना नोटिस के कोई कार्रवाई नहीं
सबसे पहला और जरूरी अधिकार ये है कि कोई भी बैंक या एनबीएफसी आपकी गिरवी रखी प्रॉपर्टी को जब्त नहीं कर सकता जब तक कि आपको पहले नोटिस न दे। RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर आप लगातार तीन महीने तक ईएमआई नहीं भरते, तभी बैंक आपके लोन को डिफॉल्ट में डाल सकता है। इसका मतलब ये है कि सिर्फ एक या दो ईएमआई मिस हो जाने पर बैंक सीधे आपकी संपत्ति नहीं ले सकता।
इससे आपको अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का समय मिलेगा। कई बार थोड़े वक्त की दिक्कतें होती हैं, लेकिन बैंक तत्काल एक्शन लेने लगते हैं। अब ऐसा नहीं होगा।
रिकवरी एजेंट नहीं कर सकते बदतमीजी
ज्यादातर लोगों की सबसे बड़ी शिकायत यही होती है कि रिकवरी एजेंट धमकी देते हैं, घर आकर हंगामा करते हैं और परिवार वालों के साथ गलत व्यवहार करते हैं। अब RBI ने इस पर सख्त नियम बनाए हैं। कोई भी रिकवरी एजेंट या बैंककर्मी सुबह 7 बजे से पहले और रात 7 बजे के बाद आपसे संपर्क नहीं कर सकता।
इसके अलावा धमकी, गाली-गलौज या जबरदस्ती जैसे किसी भी तरीके की मनमानी अब गैरकानूनी मानी जाएगी। अगर फिर भी ऐसा होता है, तो आप सीधे बैंकिंग ओंबड्समैन के पास शिकायत कर सकते हैं।
नीलामी से पहले मिलेगा 30 दिन का मौका
अगर बैंक आपकी प्रॉपर्टी को नीलाम करना चाहता है तो उसे कम से कम 30 दिन पहले एक सार्वजनिक नोटिस देना जरूरी होगा। इस नोटिस में साफ तौर पर बताया जाएगा कि कौन-सी संपत्ति बिकने जा रही है, उसकी कीमत क्या तय की गई है, और नीलामी कब और कहां होगी।
इससे आप चाहें तो इस बीच अपना बकाया चुकाकर नीलामी रोक सकते हैं। साथ ही, नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और आपकी संपत्ति औने-पौने दामों में नहीं बेची जा सकेगी।
संपत्ति के गलत मूल्यांकन को कोर्ट में दे सकते हैं चुनौती
मान लीजिए बैंक ने आपकी प्रॉपर्टी की कीमत बहुत कम लगाई है और आप इससे सहमत नहीं हैं, तो आप इस फैसले को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। बैंक को भी आपकी आखिरी चुकौती की कोशिश का सम्मान करना होगा। यह प्रावधान इसलिए जरूरी है क्योंकि कई बार बैंक जल्दबाजी में प्रॉपर्टी को कम दामों में बेच देते हैं जिससे लोनधारक को नुकसान होता है।
अब आप कानूनी तरीके से यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी संपत्ति का सही मूल्यांकन हो और बिक्री प्रक्रिया निष्पक्ष हो।
बचे पैसे पर भी है आपका हक
यह नियम सबसे कम लोगों को पता होता है। अगर बैंक आपकी प्रॉपर्टी को नीलाम कर देता है और उससे जो रकम मिलती है, वह आपके लोन से ज्यादा होती है, तो बची हुई राशि बैंक को आपको लौटानी होगी। यानी अगर आपने 5 लाख का लोन लिया था और प्रॉपर्टी 8 लाख में बिकी, तो 3 लाख रुपये आपको मिलेंगे।
इसके लिए आपको बैंक में आवेदन करना होगा और बैंक को तय समय में ये राशि आपको लौटानी होगी। अब बैंक इस रकम को रोक नहीं सकता।
क्या करें अगर बैंक या एजेंट नियम तोड़े
अगर बैंक या उनका कोई एजेंट इन नियमों का पालन नहीं करता, तो आप RBI के बैंकिंग ओंबड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह एक तरह का मध्यस्थ होता है जो ग्राहक और बैंक के बीच विवाद को सुलझाता है। इसकी प्रक्रिया बिल्कुल फ्री होती है और फैसला दोनों पक्षों पर लागू होता है।
इस गाइडलाइन से फायदा किसे होगा
इन नियमों से उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी जो आर्थिक दिक्कतों की वजह से वक्त पर लोन नहीं चुका पा रहे थे और जिन पर बैंक या फाइनेंस कंपनियों का मानसिक दबाव पड़ रहा था। अब न सिर्फ उनकी संपत्ति की सुरक्षा होगी बल्कि उन्हें सम्मानजनक व्यवहार भी मिलेगा।
अब जबकि RBI ने ये नियम लागू कर दिए हैं, तो ग्राहकों को भी जागरूक होना पड़ेगा। अगर आप लोन नहीं भर पा रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। अपने अधिकारों को जानें और जरूरत पड़े तो बैंकिंग ओंबड्समैन या उपभोक्ता अदालत का सहारा लें।