RBI Loan Rules – अगर आप भी हर महीने लोन की ईएमआई भरते हैं और कभी-कभी देर हो जाती है, तो ये खबर आपके लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आई है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने लोन से जुड़े कुछ ऐसे नियमों में बदलाव किया है, जिनका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा। ये नए नियम 1 तारीख से लागू हो चुके हैं और अब बैंकों की मनमानी पर लगाम लग गई है।
क्या है मामला – EMI में देरी पर नहीं लगेगा भारी पेनल ब्याज
अब तक होता ये था कि अगर आप किसी वजह से लोन की किश्त समय पर नहीं भर पाते थे, तो बैंक या एनबीएफसी (Non Banking Finance Company) आपसे भारी-भरकम पेनल ब्याज वसूलते थे। इस ब्याज को आपकी मौजूदा ब्याज दर में जोड़ दिया जाता था, जिससे आपका लोन और ज्यादा महंगा हो जाता था।
लेकिन RBI ने इस पर सख्ती दिखाते हुए बैंकों को साफ कह दिया है कि अब पेनल ब्याज नहीं लिया जाएगा। हां, अगर कोई लोनधारक नियम तोड़ता है या किश्त चुकाने में देरी करता है, तो बैंक उससे सिर्फ ‘पेनल चार्ज’ वसूल सकते हैं, वो भी एक फिक्स अमाउंट के तौर पर।
तो अब फर्क क्या है – पेनल ब्याज बनाम पेनल चार्ज
पहले समझ लेते हैं कि पेनल ब्याज और पेनल चार्ज में क्या फर्क होता है।
- पेनल ब्याज मतलब आपकी मौजूदा ब्याज दर में कुछ प्रतिशत और जोड़ दिया जाता था। जैसे अगर लोन पर 10 प्रतिशत ब्याज है और आपने किश्त नहीं भरी, तो उसपर 2 प्रतिशत और जोड़कर 12 प्रतिशत ब्याज लिया जाता था।
- पेनल चार्ज एक फिक्स अमाउंट होता है। जैसे 500 रुपये या 1000 रुपये, जो सिर्फ एक बार लगाया जाता है और इसे आपकी ब्याज दर में नहीं जोड़ा जाता।
अब RBI ने बैंकों से कहा है कि पेनल चार्ज तो लिया जा सकता है, लेकिन इसे लोन की ब्याज दर में शामिल नहीं किया जाएगा। यानी आप पर अब ब्याज दर बढ़ाकर दबाव नहीं बनाया जाएगा।
बैंकों को अब रेवेन्यू कमाने का बहाना नहीं मिलेगा
कई बैंक और NBFC पहले लोन धारकों से ज्यादा पैसे वसूलने के लिए पेनल ब्याज का सहारा लेते थे। EMI में थोड़ी भी देर हुई नहीं कि तुरंत ब्याज दर बढ़ा दी जाती थी। इससे लोन लेने वालों की जेब पर भारी असर पड़ता था।
अब RBI ने साफ कर दिया है कि ये नियम सिर्फ अनुशासन बनाए रखने के लिए हैं, न कि बैंकों को कमाई का जरिया देने के लिए। पेनल चार्ज का मकसद ग्राहक को समय पर भुगतान के लिए प्रोत्साहित करना है, न कि उसे आर्थिक बोझ देना।
क्यों जरूरी था ये बदलाव
दरअसल, कई ग्राहक शिकायत कर रहे थे कि बैंकों की तरफ से समय पर जानकारी नहीं दी जाती और बाद में ब्याज दर में छुपाकर पेनल्टी जोड़ दी जाती है। ग्राहक जब तक समझते हैं कि उनके ऊपर कितना अतिरिक्त चार्ज लग गया है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसी कारण RBI को बीच में आना पड़ा और सख्त नियम लागू करने पड़े।
अब बैंक क्या करेंगे
- बैंक अब पेनल चार्ज को अलग से मेंशन करेंगे
- उसे ब्याज दर में शामिल नहीं करेंगे
- ग्राहक को पहले से जानकारी दी जाएगी कि अगर वह देरी करता है, तो कितना पेनल चार्ज लगेगा
- इस चार्ज पर कोई और ब्याज नहीं लिया जाएगा
ग्राहकों के लिए फायदे की बात
- अब लोन सस्ता होगा
- अचानक EMI ज्यादा नहीं बढ़ेगी
- पारदर्शिता बढ़ेगी, आप जान पाएंगे कि कितना चार्ज क्यों लग रहा है
- ग्राहकों पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा
- छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी
किस पर लागू होंगे ये नियम
ये नियम सभी बैंकों और एनबीएफसी पर लागू होंगे। चाहे आपने होम लोन लिया हो, पर्सनल लोन, ऑटो लोन या एजुकेशन लोन – हर तरह की EMI पर अब यही नियम लागू होंगे।
अगर आप किसी भी तरह का लोन चुका रहे हैं तो ये खबर आपको राहत देगी। RBI के इन नए नियमों से लोन का बोझ थोड़ा हल्का होगा और बैंकों की तरफ से मनमानी का डर भी कम होगा। अब आपको बस समय पर EMI जमा करनी है और अगर कभी देरी हो भी जाती है, तो भारी-भरकम ब्याज की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
ये बदलाव दिखाता है कि RBI आम लोगों की चिंता समझता है और समय-समय पर जरूरी फैसले लेकर लोगों को राहत देता है। तो अगर आपने लोन ले रखा है, तो अब आपको थोड़ी राहत जरूर मिलेगी – और ये कदम सही दिशा में एक बड़ा बदलाव है।