RBI Rule – आजकल लोन लेना आम बात हो गई है। घर खरीदना हो, बच्चों की पढ़ाई, शादी या मेडिकल खर्च – हर जरूरत के लिए लोग बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन ले लेते हैं। खासकर पर्सनल लोन तो बहुत जल्दी और आसानी से मिल जाता है, लेकिन जब लोन की किस्तें समय पर नहीं चुकाई जातीं, तो यहीं से शुरू होता है रिकवरी एजेंट का चक्कर।
कई लोगों के मन में सवाल होता है – क्या ये एजेंट सच में घर या ऑफिस तक आ सकते हैं? क्या ये परेशान कर सकते हैं? क्या ये जबरदस्ती कर सकते हैं? तो चलिए, आज आपको आसान भाषा में बताते हैं कि RBI के नियम क्या कहते हैं और आपकी क्या-क्या ताकत यानी अधिकार हैं।
क्या रिकवरी एजेंट घर या दफ्तर आ सकता है?
सीधा जवाब है – हां, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। एजेंट आपके घर या ऑफिस आ सकता है, लेकिन वो भी सीमित समय में और पूरी इज्जत के साथ। RBI ने साफ कहा है कि कोई भी रिकवरी एजेंट सुबह 8 बजे से पहले या शाम 7 बजे के बाद संपर्क नहीं कर सकता। इसके अलावा, ऑफिस में संपर्क करने के लिए भी आपकी इजाजत जरूरी है। मतलब जब तक आप हां ना कहें, वो दफ्तर में आकर आपको तंग नहीं कर सकते।
रिकवरी एजेंट क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?
कर सकते हैं:
- आपके घर आकर लोन से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं।
- आपको ईएमआई के विकल्प समझा सकते हैं।
- अगर आपने पहले से इजाजत दी हो, तो ऑफिस में आकर मिल सकते हैं।
- उनके पास बैंक की तरफ से पहचान पत्र और अनुमति पत्र होना चाहिए।
नहीं कर सकते:
- गाली-गलौच, धमकी या बदतमीजी नहीं कर सकते।
- आपके पड़ोसियों या रिश्तेदारों को आपकी लोन की जानकारी नहीं दे सकते।
- सोशल मीडिया पर आपकी जानकारी लीक करना गलत है।
- किसी महिला, बुजुर्ग या बच्चे से अभद्रता करना पूरी तरह गैरकानूनी है।
आपके अधिकार क्या हैं? (Borrowers Rights)
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सम्मान के साथ व्यवहार का हक:
चाहे आपने लोन नहीं चुकाया हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोई आपको बेइज्जत कर सकता है। एजेंट को आपसे शांति और मर्यादा से बात करनी होगी। -
गोपनीयता का हक:
आपकी लोन की जानकारी सिर्फ बैंक और आप तक सीमित होनी चाहिए। कोई एजेंट इसे सोशल मीडिया या आस-पड़ोस में नहीं फैला सकता। -
शिकायत करने का हक:
अगर एजेंट नियम तोड़े या बदतमीजी करे तो आप सीधे बैंक की शिकायत शाखा में संपर्क करें। अगर वहां सुनवाई न हो तो RBI की बैंकिंग लोकपाल सेवा (https://cms.rbi.org.in) में शिकायत दर्ज करें। आप चाहें तो पुलिस में एफआईआर भी करा सकते हैं। -
सूचना पाने का हक:
बैंक अगर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करना चाहता है, तो पहले आपको लिखित में नोटिस देना होगा। इसमें ये सब बातें होनी चाहिए –
- कितना लोन बकाया है
- कितना ब्याज लग रहा है
- अगर न चुकाया तो क्या जब्ती या नीलामी हो सकती है
- आखिरी तारीख क्या है
अगर एजेंट तंग करे तो क्या करें?
- सबसे पहले एजेंट की बातचीत का रिकॉर्ड रखें – कॉल, मैसेज या मीटिंग सबका।
- अगर कोई गाली दे या धमकाए तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें।
- बैंक को ईमेल या लिखित पत्र में शिकायत भेजें और उसका जवाब संभालकर रखें।
- RBI को भी आप इसकी जानकारी दे सकते हैं। अगर बैंक ने नियम तोड़े हैं, तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
लोन डिफॉल्ट करना अपराध नहीं है
ध्यान रखें – लोन न चुकाना कानूनन अपराध नहीं है, ये एक सिविल मामला है। यानी बैंक आपसे वसूली कर सकता है लेकिन वो भी नियमों के तहत। आपको अपराधी की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता।
आज के डिजिटल जमाने में बैंक खुद भी रिकवरी के प्रोसेस को आसान और सभ्य बना रहे हैं। SMS, ऐप नोटिफिकेशन और ईमेल से EMI याद दिलाई जाती है ताकि ग्राहक समय पर भुगतान कर सके। लेकिन फिर भी अगर कोई एजेंट आपको परेशान करता है, तो आपको अपने हक का इस्तेमाल करना चाहिए।
लोन लिया है, तो चुकाना भी जरूरी है। लेकिन अगर किसी वजह से आप चुकता नहीं कर पा रहे हैं, तो बैंक से बात करें, समझौते का विकल्प खोजें। और हां, अगर कोई एजेंट आपको परेशान करे तो चुप मत रहें। आपके पास कानून का सहारा है।
जागरूक रहिए, अपने हक को जानिए और जरूरत पड़े तो कार्रवाई कीजिए। आखिर आप कर्जदार हैं, कोई अपराधी नहीं।